मेरी कविताये !
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मैं टूट जाऊ जब दुनिया से
इन रिश्तो से, इन नातों से
तो बांह पकड़ कर तुम मेरी
मंजिल तक मुझे पंहुचा देना
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ये धुप मुझे कुम्हला न दे
ये हवा मुझे बहका न दे
मैं तो हूँ एक कोमल सी कली
बस अपनी छाँव में ले लेना
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