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जीवन पथ !!!

मेरी कविताये !
मेरी कविताये !
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जीवन पथ


जीवन पथ पर कंटक रथ पर
ओ साथी, मेरे हर पथ पर
यू ही मेरी हर राहों पर
फूलो को तुम बरसा देना


***


मैं टूट जाऊ जब दुनिया से
इन रिश्तो से, इन नातों से
तो बांह पकड़  कर तुम मेरी
मंजिल तक मुझे पंहुचा देना

***

ये धुप मुझे कुम्हला न दे
ये हवा मुझे बहका न दे
मैं तो हूँ एक कोमल सी कली
बस अपनी छाँव में ले लेना

***


तुम बिन तो मैं हूँ प्यासी नदी
तुम बिन तो मैंने पीर सही
तुम मुझमें हो मै तुममे हूँ
ये भेद हमें बतला देना


***


जीवन पथ पर कंटक रथ पर
ओ साथी मेरे हर पथ पर
यूँ ही मेरी हर राहों पर
फूलो को तुम बरसा देना

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